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लेखनी प्रतियोगिता -03-May-2022 भूख

भूख की तड़प हमसे सही नहीं जासकती है।

भूख की ब्यथा   हमसे सुनी नही जा सकती है।।
भूख की ब्यथा सुनकर हम काँप जायेगे।
भुखे रहकर हम कभी जी नही  पायेगे।।
भूख हमारा ईमान भी बेच देती है।
भूख हमें अन्दर से भी तोड़ देती है।।
 भूख मिटाने औरत इज्जत बेच देती है।
बेटे की भूख मिटाने माँ वदन बेच देती है।।
भूख मिटाने खातिर गरीब लाश बेच देते है।
भूख की खातिर हम ईमान भी बेच देते है।।
हम देख नही सकते हैं भूख की कैसी है  तड़प।
भूख मिटाने  करसकते है काल देवता से झड़प।।
भूखा बच्चा सोजाता है आसमान ओड़कर।
बेटे की भूख को मिटाने माँ तोड़ती है पत्थर।।
भूख की खातिर बाप  अपनी बेटी बेच देता है ।
कोई कोई भूख की खातिर किडनी बेच देता है।।
भूख की बीमारी कोई सरकार नही मिटा सकती।
इस  भूख बडी़ बीमारी कोई आ। नही सकती ।।




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16 Comments

Seema Priyadarshini sahay

04-May-2022 02:50 PM

बहुत खूबसूरत

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Shrishti pandey

04-May-2022 11:01 AM

Sahi kaha hai aapne sIr

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Punam verma

04-May-2022 10:31 AM

Very nice sir

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